पिया, तू पिया वो नहीं
मन बसिया वो नहीं
प्रीत से दिल को कहींमोह लिया तो नहीं?
बदली सी मेरी दुनिया लगे
पगली मेरी पैजनिया लगे
पूछे, "तू किस की जोगनिया लगे?"
ये निस-दिन सताए, पिया
ये निस-दिन सताए, पिया
जिया, रे जिया वो नहीं
तेरी बतियाँ वो नहीं
दिल में जला है कहीं
प्रेम दीया तो नहीं?
मन में कभी थे शिकवे-गिले
भूल के उसको हम से मिले
आके तू लग जा गले से मेरे
कि तेरे बिन ना लागे जिया
कि तेरे बिन ना लागे जिया
जो तू बनी हमसफ़र है
दिल की ज़मीं तर-ब-तर है
"क्यूँ मुझको समझने में इतने ज़माने लगे?
क्यूँ मुझको समझने में इतने ज़माने लगे?"
पूछूँ तो आँखें चुराने लगे
कि निस-दिन जलाए जिया
कि निस-दिन जलाए जिया
बाँहों में कसने लगे हो
फिर भी तरसने लगे हो
सजन, तेरी नज़रों से जलने-पिघलने लगी
सजन, तेरी नज़रों से जलने-पिघलने लगी
तेरे इशारों पे चलने लगी
कि तेरे बिन ना लागे जिया
कि तेरे बिन ना लागे जिया
पिया, तू पिया वो नहीं
मन बसिया वो नहीं
दिल में जला है कहीं
प्रेम दीया तो नहीं?
बदली सी मेरी दुनिया लगे
पगली तेरी पैजनिया लगे
आके तू लग जा गले से मेरे
ये निस-दिन सताए, पिया
ये निस-दिन सताए, पिया
ये निस-दिन सताए, पिया
ये निस-दिन सताए, पिया