Jigar

Arijit Singh , Sachin

तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
किया रे जो भी तूने, कैसे किया रे?
जिया को मेरे बाँध ऐसे लिया रे
समझ के भी ना समझ मैं सकूँ

सवेरों का मेरे तू सूरज लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे

अपना बना ले, पिया, अपना बना ले, पिया
अपना बना ले मुझे, अपना बना ले, पिया
अपना बना ले, पिया, अपना बना ले, पिया
दिल के नगर में शहर तू बसा ले, पिया

छूने से तेरे, हाँ, तेरे, हाँ, तेरे
फीकी रुतों को रंग लगे

Mmm, छूने से तेरे, हाँ, तेरे, हाँ, तेरे
फीकी रुतों को रंग लगे
तेरी दिशा में क्यूँ चलने से मेरे
पैरों को पंख लगे?

रहा ना मेरे काम का जग सारा
हो बस तेरे नाम से ही गुज़ारा
उलझ के यूँ ना सुलझ मैं सकूँ

ज़ुबानियाँ तेरी झूठी भी सच लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे
तू मेरा कोई ना होके भी कुछ लागे

अपना बना ले, पिया, अपना बना ले, पिया
अपना बना ले मुझे, अपना बना ले, पिया
अपना बना ले, पिया, अपना बना ले, पिया
दिल के नगर में शहर तू बसा ले, पिया

ओ, सब कुछ मेरा चाहे नाम अपने लिखा ले
बदले में इतनी तो यारी निभा ले
जग की हिरासत से मुझको छुड़ा ले
अपना बना ले, बस अपना बना ले

अपना बना ले
अपना बना ले