ख़्वाब है तू, नींद हूं मैं
दोनों मिले रात बने
रोज़ यही मांगूं दुआतेरी मेरी बात बने, बात बने
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मुझे खुद में घोल दे तो
मेरे यार बात बन जानी
रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मुझे खुद में घोल दे तो
मेरे यार बात बन जानी
रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
ओ यारा तुझे प्यार की बतियां, क्या समझावां
जाग के रतियां रोज़ बितावां
इससे आगे अब मैं क्या कहूं
ओ यारा तुझे बोलती अंखियां सदके जावां
मांग ले पकियां आज दुवां
इससे आगे अब मैं क्या कहूं
मैंने तो धीरे से
नींदों के धागे से
बांधा है ख़्वाब को तेरे
मैं ना जहां चाहूं
ना आसमान चाहूं
आ जा हिस्से में तू मेरे
तू ढंग चाहतों का
मैं जैसे कोई नादानी
तू ढंग चाहतों का
मैं जैसे कोई नादानी
मुझे खुद से जोड़ दे तो
मेरे यार बात बन जानी
रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मुझे खुद में घोल दे तो
मेरे यार बात बन जानी
रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
तूने जो देखा है तूने जो जाना है
हूँ भी नहीं हूँ भी में वो
चाहोगे तुम जैसा
हो जाऊंगा वैसा
चाहो तो वादा यह ले लो
तुम एक मुसाफ़िर हो
मैं कोई राह अनजानी
तुम एक मुसाफ़िर हो
मैं कोई राह अनजानी
मन चाहा मोड़ दे तो
मेरे यार बात बन जानी
रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मैं रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
मुझे खुद में घोल दे तो
मेरे यार बात बन जानी
रंग शर्बतों का
तू मीठे घाट का पानी
ओ यारा तुझे प्यार की बतियां, क्या समझावां
जाग के रतियां रोज़ बितावां
इससे आगे अब मैं क्या कहूं
ओ यारा तुझे बोलती अंखियां सदके जावां
मांग ले पकियां आज दुवां