Shayad

Pritam

शायद कभी ना कह सकूँ मैं तुमको
कहे बिना समझ लो तुम शायद
शायद मेरे ख़याल में तुम एक दिनमिलो मुझे कहीं पे गुम शायद

जो तुम ना हो, रहेंगे हम नहीं
जो तुम ना हो, रहेंगे हम नहीं
ना चाहिए कुछ तुमसे ज़्यादा, तुमसे कम नहीं

जो तुम ना हो तो हम भी हम नहीं
जो तुम ना हो तो हम भी हम नहीं
ना चाहिए कुछ तुमसे ज़्यादा, तुमसे कम नहीं

आँखों को ख़्वाब देना
ख़ुद ही सवाल करके ख़ुद ही जवाब देना तेरी तरफ़ से
बिन काम काम करना
जाना कहीं हो चाहे, हर बार ही गुज़रना तेरी तरफ़ से

ये कोशिशें तो होंगी कम नहीं
ये कोशिशें तो होंगी कम नहीं
ना चाहिए कुछ तुमसे ज़्यादा, तुमसे कम नहीं

जो तुम ना हो, रहेंगे हम नहीं
जो तुम ना हो तो हम भी हम नहीं
ना चाहिए कुछ तुमसे ज़्यादा, तुमसे कम नहीं

जो तुम ना हो
जो तुम ना हो
जो तुम ना हो