जो मैं तुझसे मिला, थोड़ा सबसे जुदा
थोड़ा खुद से हुआ हूँ
जो मैं कह ना सका, नज़रों में है लिखाज़रा पढ़ के बता तू
मैं हूँ तेरी आँखों में
तेरी-मेरी राहों में एक पल भी ना हो फ़ासला
अब देखूँ ना, आए जो अब कोई सुबह
तेरे बिना, और चाहूँ ना
हो सच कोई ख़्वाब मेरा तेरे बिना, हाँ
तेरे बिना
मैं अधूरा सा ही था, यूँ ही चलता रहा
आ के तुझ पे रुका हूँ
देखा सारा ये जहाँ, तू ही अपना लगा
मैं तो अब से तेरा हूँ
मैं हूँ तेरी आँखों में
तेरी-मेरी राहों में एक पल भी ना हो फ़ासला
अब देखूँ ना, आए जो अब कोई सुबह
तेरे बिना, और चाहूँ ना
हो सच कोई ख़्वाब मेरा तेरे बिना, हाँ
अब देखूँ ना, आए जो अब कोई सुबह
तेरे बिना, और चाहूँ ना
हो सच कोई ख़्वाब मेरा तेरे बिना, हाँ