मेरी तेरी आँखों में बातें अभी
ऐसी हुई
न जाने कोईबहकी बहकी साँसें गुल सी रही
जाने कहाँ?
न जाने कोई
हां... रात भी ऐसे
शामिल हुई
जैसे गाये कोई
धीरे से कोई
हां... रात भी ऐसे
शामिल हुई
जैसे गाये कोई
धीरे से कोई
अभी जैसे
तेरी ही बातें
करि हो मैंने
हवा से
बारिश की बूंदों
में नाम की तेरे
सुन ली हूँ मैंने
आवाज़ें
ऐसी पल में गम सी जो धड़कन हुई
जाने कहाँ?
न जाने कोई
बहकी बहकी साँसें गुल सी रही
जाने कहाँ?
न जाने कोई
हां... रात भी ऐसे
शामिल हुई
जैसे गाये कोई
धीरे से कोई
जैसे तेरे आस-पास मैं
जीलूँ मेरी सांस-सांस में
सारे जज़्बात साथ में
धीरे से
धीरे से
जैसे तेरे आस-पास मैं
जीलूँ मेरी सांस-सांस में
सारे जज़्बात साथ में
धीरे से
धीरे से