Raja Ji

Pawan Singh , Shivani Singh

राजा जी

तोहके बना के लइनी कनियात झेले खातिर परेसनिया?
अरे, धन हमार हमरे ला मना बा
त का bank में रखाई जवनिया?

ए, मन में जे तहरा सबर रही, ए राजा जी

त पतरे कमरिया जिनगी-भर रही, ए राजा जी
त पतरे कमरिया जिनगी-भर रही, ए राजा जी

राजा जी
राजा जी

जदि धीर ध के खइबऽ हो
मजा ढेर दिन ले पइबऽ हो
सावन के आसे नु हो
त बइठी पियासे नु हो

सुनऽ
कामवा बिगड़ला के जे डर रही, ए राजा जी

त पतरे कमरिया जिनगी-भर रही, ए राजा जी
त पतरे कमरिया जिनगी-भर रही, ए राजा जी

Maintain जब ले figure रही
तब ले जवानी trigger रही
ई दुविधा कवन बाड़े हो
दिक्कत में Pawan बाड़े हो (ए, हो)

होई ना नरम, खर-खर रही, ए राजा जी

त पतरे कमरिया जिनगी-भर रही, ए राजा जी
त पतरे कमरिया जिनगी-भर रही, ए राजा जी

राजा जी