तुमने मेरी बेनूर ज़िंदगी सजा दी
रूठी सुबहएँ फिर दिला दी
पहले ना यूँ ख़्वाबों के जैसी दुनिया थीआधी-अधूरी ख़ुशियाँ थीं
मेरा जहाँ पूरा हुआ
तुझमें हूँ मैं डूबा हुआ
कैसे करूँ तारीफ़ मैं?
तू ही बता, हाँ
तेरी अदा, तेरी अदा
दिल ले गई तेरी अदा
सबसे हसीं, सबसे जुदा
तेरी अदा, तेरी अदा
मौसम बदलते हैं मेरे आने से, जाने से तेरे
तू हवा सा चल रहा है, ओ-हो-हो
पहले क़दम से दिलों की, तेरी-मेरी मंज़िलों की
तू कहानी लिख रहा है
मेरा जहाँ पूरा हुआ
तुझमें हूँ मैं डूबा हुआ
कैसे करूँ तारीफ़ मैं?
तू ही बता, हाँ
तेरी अदा, तेरी अदा
दिल ले गई तेरी अदा
सबसे हसीं, सबसे जुदा
तेरी अदा, तेरी अदा
लिखा है, लिखा है, लिखा है लकीरों में
कोई सकेगा ना मिटा
खिला है, खिला है, खिला है सवेरा ये
तू लेके आया जब सुबह
लिखा है, लिखा है, लिखा है लकीरों में
कोई सकेगा ना मिटा
खिला है, खिला है, खिला है सवेरा ये
तू लेके आया जब सुबह